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| समय आदमी को अपने सबसे अधिक आशा के बीज संयंत्र के लिए आ गया है. अपनी मिट्टी अभी भी काफी समृद्ध है. लेकिन एक दिन इस मिट्टी और गरीब जाएगा पालतू, और कोई लंबा पेड़ हो इसे में विकसित कर सकेंगे. 
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            Thus Spoke Zarathustra: A Book for None and All (इस प्रकार बोले जरथुस्त्र: और कोई नहीं के लिए एक पुस्तक सब)
            
              (book)
            
            by Friedrich Nietzsche
         | 
| Language: | Hindi | 
| Submitted by: | valikor | 
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